आज हमारे दिल में अजब यह उलझन ह
गाने बैठे गाना, सामने समधन ह
हम कुछ आज सुनाएं, यह उनका भी मन ह
गाने बैठे गाना, सामने समधन ह
कानों की बालियां, चंद सूरज लग
यह बनारस की, सारी खूब सज
राज की बात बताएं, समधिजी घायल ह
आज भी जब समधन की, खनकती पायल ह
होठों की यह हंसी, आँखों की यह हय
इतनी मासूम तो, होती है बस दुआ
राज की बात बताएं, समधि खुश किस्मत ह
लक्ष्मी है समधनजी, जिनसे घर जन्नत ह
आज हमारे दिल में अजब यह उलझन ह
सामने समधिजी, गा रही समधन ह
हमको जो है निभाना, वो नाजुक बंधन ह
सामने समधिजी, गा रही समधन ह
मेरी छाया है जो, आपके घर चल
सपना बन के मेरी, पलकों में है पल
राज की बात बताएं, यह पूंजी जीवन क
शोभा आज से है यह, आपके आंगन क